kaal Sarpa Dosha Shanti Puja (कालसर्प दोष)
कालसर्प दोष शांति पूजन विधि: कैसे होती है कालसर्प दोष पूजा
कालसर्प दोष शांति पूजन विधि जो की कालसर्प दोष निवारण पूजा की विधि है इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की कालसर्प दोष पूजा कैसे होती है और इस पूजा की प्रक्रिया क्या है। और इस पूजा को पूर्ण करने के बाद जातक को किस प्रकार से लाभ मिल सकता है।
कालसर्प दोष शांति पूजन विधि
यह पूजा विधि उज्जैन मे पूजा के लिए है क्योकि कालसर्प दोष निवारण के लिए उज्जैन को सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
दोष पूजा का प्रारंभ भगवान शिव (उज्जैन) की पूजा के साथ शुरू होता है और फिर पवित्र शिप्रा नदी में डुबकी लगाता है, जिससे आत्मा और मन की शुद्धि का संकेत माना जाता है, जिसके बाद प्रमुख पूजा शुरू होती है।
उपासक को पहले एक प्रारंभिक प्रस्ताव देना चाहिए, और फिर पूजा प्रक्रिया भगवान वरुण की पूजा के साथ शुरू होती है, जिसके बाद भगवान गणेश की भक्ति होती है। भगवान वरुण की कलश पूजा होती है जिसमें पवित्र गोदावरी नदी के जल को देवता के रूप में पूजा जाता है। इस कलश की भक्ति से सभी पवित्र जल, पवित्र शक्ति, देवी-देवताओं की पूजा करने का दावा किया जाता है।
- प्रथम श्री गणेश भगवान का पूजन होता है।
- इसके पश्चात नागमंडल पूजा की जाती है, जिसमें 12 नागमूर्ति होती है।
- इन 12 नागमूर्तियों में 10 मूर्तियाँ चांदी से निर्मित तथा 1 सोने से एवं एक नागमूर्ति ताम्बे की होना अनिवार्य है।
- फिर हर नाग को नागमंडल में बिठाया जाता है जिसे लिंगतोभद्रमण्डल भी कहा जाता है।
- लिंगतोभद्रमण्डल की विधिवत प्राणप्रतिष्ठा करके षोडशोपचार पूजन किया जाता है।
- इसके पश्चात नाग मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
- राहु-केतु, सर्पमंत्र, सर्पसूक्त, मनसा देवी मन्त्र एवं महामृत्युंजय मंत्र की माला से जाप करके मन्त्रोद्वारा हवनादि किया जाता है।
- हवन के बाद जिस प्रतिमा से कालसर्प का दोष दूर होता है, उस पर अभिषेक किया जाता है, और उसे पवित्र जलाशय या नदी मे विसर्जित किया जाता है।
- तीर्थ में स्नान करके, पूजा के दौरान धारण किए हुए वस्त्र वहीं छोड़ दिए जाते है। तथा साथ में लाए हुए नए वस्त्र धारण किये जाते है।
- इसके पश्चात ताम्रनिर्मित सर्प मूर्ति को ज्योतिर्लिंग को अर्पण करके, स्वर्ण नाग की प्रतिमा मुख्य गुरूजी एवं अन्य नागमूर्तियाँ उनके सहयोगी गुरूजी को दिए जाते है।
कालसर्प योग की शांति कैसे करें?
कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाने के बाद ही आप अपने जीवन आ रही सभी प्रकार की समस्याओ से छुटकारा पा सकते है। कालसर्प दोष पूजा के बाद आप अपने जीवन मे कई प्रकार के बदलाव देख सकते है।
अगर आप भी कालसर्प दोष से काफी परेशान है और अपने जीवन मे कठिन परिश्रम कर रहे है लेकिन सफलता की प्राप्ति नहीं हो रही, घर मे कलेश की परिस्थिति बनी रहती है, तो आपको तुरंत ही किसी अच्छे ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखाकर उनसे परामर्श ले सकते है।
कालसर्प दोष एक बहुत ही खतरनाक दोष है, इसके लिए किसी अनुभव वाले पंडित जी से ही पूजा करवानी चाहिए।Pandit Arun ji को पिछले 15 वर्षो से अधिक समय से कालसर्प दोष और अन्य मांगलिक कार्यो को करने का अनुभव प्राप्त है। पंडित जी के पूजा करने के पश्चात सभी यजमानो को शत प्रतिशत लाभ प्राप्त हुआ है।
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