गृह प्रवेश पूजा और गृह प्रवेश समारोह
नए घर में कदम रखना लोगों के लिए एक खास मौका होता है क्योंकि यह किसी की जिंदगी में नई शुरुआत को दर्शाता है। जब प्रॉपर्टी खरीदने या नए घर में शिफ्ट होने की बात आती है, तो भारतीय आमतौर पर शुभ मुहूर्त को महत्त्व देते हैं। वे मानते हैं कि गृह प्रवेश समारोह आयोजित करना उनके लिए सौभाग्य लाएगा। गृह प्रवेश एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें शुभ मुहूर्त पर पूजा समारोह आयोजित किया जाता है जब कोई व्यक्ति पहली बार एक नए घर में जाता है।
सामान्यतः गृह प्रवेश पूजा की शुभ तिथियां ज्योतिषीय चार्ट के आधार पर पुजारी द्वारा तय की जाती हैं। इसके अलावा, सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित करने और परिवार के लिए समृद्धि लाने के लिए गृह प्रवेश पूजा विधि के लिए कई दिशानिर्देश हैं जिनका का पालन करना चाहिए।
----गृह प्रवेश पूजा: गृह प्रवेश क्या है?----
गृह प्रवेश समारोह एक हिंदू पूजा समारोह है, जिसे पर्यावरण को शुद्ध करने और घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए पहली बार नए घर में प्रवेश करने के समय किया जाता है।
महामारी के खतरे को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन सेरेमनी का चुनाव कर रहे हैं जिसमें मेहमानों के बीच पुजारी उन्हें प्रक्रिया के माध्यम से मार्गदर्शन कर रहे हैं. इस तरह लोग सुरक्षित रहते हुए भी अपनी धार्मिक मान्यताओं को पूरा कर रहे हैं.
मुंबई की वास्तु शास्त्र और एस्ट्रोलॉजी एक्सपर्ट जयश्री धमानी के मुताबिक यह सिर्फ घर के मालिक के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है। वास्तु के मुताबिक घर पांच तत्वों से मिलकर बना है-सूर्य, धरती, पानी, अग्नि और वायु और इन सभी का सही तालमेल ही घर में खुशियां, स्वास्थय और सुख-समृद्धि लाता है। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में गृह प्रवेश को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। इसे तेलुगु में गृह प्रवेश या गृहप्रवेसम और बंगाली में गृहोप्रोबेष कहा जाता है।
धमानी ने कहा कि माना जाता है अगर शुभ समय में घर में प्रवेश किया जाए तो यह जिंदगी आसान बना देता है और परिवार को नए घर में आने के बाद कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एेसे मुहूर्त के लिए वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, गुडी पड़वा और दशहरा जैसे दिन शुभ माने गए हैं। जबकि उत्रायण, होली, अधिकमास और श्राद्ध पक्ष अशुभ हैं।
अगर आप दशहरे पर नए घर में प्रवेश कर रहे हैं तो किसी शुभ समय की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस दिन के हर लम्हे को शुभ माना गया है। गृह प्रवेश से पहले एक कलश पूजा भी होती है।
इसके लिए तांबे के कलश को 9 तरह के अनाजों से भरा जाता है और एक सिक्का डाला जाता है। इसके बाद कलश पर एक नारियल रखा जाता है और शख्स पुजारी द्वारा कहे जाने वाले मंत्रों के साथ घर में प्रवेश करता है।
---- प्रवेश समारोह: महत्व----
इसे ‘हाउसवार्मिंग’ क्यों कहा जाता है?
परंपरागत रूप से, लोग गृह प्रवेश समारोह आयोजित करके और इस अवसर पर दोस्तों और परिवार को आमंत्रित करके अपने नए घर में पहला प्रवेश सेलिब्रेट करते हैं। ‘हाउसवार्मिंग’ शब्द की उत्पत्ति शायद बरसों पहले तब हुई थी, जब घर में केंद्रीय हीटिंग की उपलब्धता नहीं थी। घर को वास्तव में ‘गर्म’ करने के लिए मेहमानों द्वारा लाई गई लकड़ी से जलाई गई चिमनी के चारों ओर लोग इकट्ठा होते होंगे।
गृह प्रवेश पूजा क्यों करनी चाहिए?
परंपरागत रूप से, नए घर में जाने के तुरंत बाद गृह प्रवेश समारोह आयोजित किया जाता है। गृह प्रवेश की पार्टी आम तौर पर अनौपचारिक इवेंट होती हैं। हालांकि, गृह प्रवेश पूजा निर्धारित नियमों और वास्तु दिशानिर्देशों के अनुसार पुजारी द्वारा की जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, परिवार की भलाई के लिए नए घर में गृह प्रवेश पूजा जरूर करनी चाहिए। गृह प्रवेश पूजा के कुछ लाभ यहां दिए गए हैं।
- गृह प्रवेश मुहूर्त पर पूजा करने से बुरी शक्तियों से घर की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- गृह प्रवेश अनुष्ठान पवित्र और दिव्य वातावरण बनाते हुए घर, उसके आस-पास और हवा को शुद्ध और आध्यात्मिक बनाने में मदद करता है।
- यह घर के निवासियों के लिए समृद्धि, सौभाग्य और अच्छा स्वास्थ्य लाता है।
- गृह प्रवेश अनुष्ठान करने से किसी के जीवन के नए चरण में आने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
- गृह प्रवेश पूजा घर के निवासियों की सुरक्षा के लिए देवताओं के आशीर्वाद और नौ ग्रहों का आह्वान करने और अशुभ घटनाओं को रोकने में मदद करती है।
- ऐसी
मान्यता है कि शुभ मुहूर्त पर गृ ह प्रवेश की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होताहै और घर से सभी प्रकार की बु री शक्तियों और नेगेटिव एनर्जी बाहर होती है।
गृह प्रवेश में कौन सी तीन चीजें लानी चाहिए?
जैसा कि एक लोकप्रिय कहावत है, गृह प्रवेश में लाने के लिए तीन चीजें हैं नमक, शराब और रोटी। परंपरागत रूप से, गृह प्रवेश के गिफ्ट में किराने का सामान या जलावन शामिल होता था। इन चीजों का औपचारिक और प्रतीकात्मक महत्व था। रोटी दर्शाता है ‘यह घर कभी भूख न जाने’, शराब दर्शाता है ‘आप हमेशा खुश रहें और कभी प्यासे न रहें’ और नमक दर्शाता है ‘आपकी जिंदगी में हमेशा स्वाद और मसाला हो’।
----गृह प्रवेश पूजा: पूजा से पहले की जाने वाली चीजें----
शुभ तिथि चुनें
गृह प्रवेश हमेशा शुभ दिन पर करें। हालांकि त्योहारी सीजन में कई शुभ तिथियां आती हैं जो गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त हैं, आप 2023 की सबसे अच्छी गृह प्रवेश समारोह तिथि चेक कर सकते हैं। दशहरा और दिवाली गृह प्रवेश के लिए बहुत भाग्यशाली माने जाते हैं और आप किसी पुजारी से परामर्श करके पूजा आयोजित कर सकते हैं।
गृह प्रवेश पूजा और घर में प्रवेश करने के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ के महीनों को सबसे अच्छा माना जाता है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और पौष के महीने गृह प्रवेश के लिए ठीक नहीं हैं।
गृह प्रवेश के लिए कौन सा महीना अच्छा नहीं है?
आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और पौष के महीने गृह प्रवेश के लिए अच्छे नहीं हैं।
फिनिशिंग और कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम पूरे कर लें
गृह प्रवेश पूजा कंस्ट्रक्शन का काम ख़त्म होने के बाद ही करनी चाहिए। नए घर में जाने और गृह प्रवेश समारोह आयोजित करते समय याद रखने वाली यह सबसे अहम चीजों में से एक है।
अगर निर्माण कार्य चल रहा हो तो नए घर में जाने से बचें. नए घर में तभी जाएं, जब घर पूरी तरह से तैयार हो. गृह प्रवेश का मतलब होता है, जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करना. नया घर हर तरीके से पूरा होना चाहिए. इसलिए ध्यान रहे कि लकड़ी, फिटिंग्स, पेंट इत्यादि जैसे काम पूरे होने चाहिए.
ध्यान रहे कि घर वास्तु के मुताबिक हो
सुनिश्चित करें कि घर वास्तु के मुताबिक हो खासकर पूजा घर और मेन एंट्रेंस.
गृह प्रवेश समारोह के लिए निमंत्रण भेजें
गृह प्रवेश समारोह में आमंत्रित करके परिवार और दोस्तों का आशीर्वाद और शुभकामनाएं प्राप्त करें।
----गृह प्रवेश पूजा: पूजा वाले दिन क्या करें----
घर के एंट्रेंस को सजाएं
- मुख्य द्वार को सजाया जाना चाहिए, क्योंकि इसे ‘सिंह द्वार’ कहा जाता है और यह ‘वास्तु पुरुष’ का चेहरा है। गृह प्रवेश पूजा के दिन सुनिश्चित करें कि सामने के प्रवेश द्वार को फूलों और गेंदे के फूल और आम के ताजे पत्तों के तोरण से सजाया गया हो।
- प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों और नींबू से बनी डोरी लगाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
- आप मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह या देवी लक्ष्मी के चरण भी लगा सकते हैं, क्योंकि ये समृद्धि और अच्छी किस्मत के प्रतीक हैं।
- आप दोनों सिरों पर गो-पद्म, कमल या कोई अन्य आध्यात्मिक चिन्ह भी लगा सकते हैं।
मुख्य द्वार के एंट्रेंस के लिए वास्तु शास्त्र दिशानिर्देश
- सुनिश्चित करें कि घर ग्राउंड लेवल पर नहीं है। घर के प्रवेश द्वार पर कुछ सीढ़ियां बनाएं।
- मुख्य द्वार अच्छी क्वालिटी वाली सामग्री से बनाएं। काले रंग के इस्तेमाल से बचें।
- प्रवेश द्वार पर नेम प्लेट लगाएं।
- सामने के दरवाजे पर पत्थर या लकड़ी की दहलीज डिजाइन करें। यह पैसे के नुकसान से बचाएगा।
- प्रवेश द्वार को साफ सुथरा रखें। डस्टबिन या शू रैक से बचें।
रंगोली बनाएं
- रंगोली त्योहारों के मौसम का पर्याय है और माना जाता है कि यह धन और समृद्धि को आकर्षित करती है। फर्श को चावल के आटे या चमकीले रंगों से बनी रंगोली से सजाएं।
- माना जाता है कि फर्श पर रंगोली देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करती है। बाजार में उपलब्ध चावल के आटे और रंगोली के रंगों का इस्तेमाल करके गृह प्रवेश पूजा आयोजित करने से पहले प्रवेश द्वार के पास रंगोली बनाएं।
- सुनिश्चित करें कि रंगोली लोगों के घर में प्रवेश करने के रास्ते में नहीं हो।
पूरे घर को साफ करें
- गृह प्रवेश पूजा करने से पहले सुनिश्चित करें कि पूरे घर को अच्छी तरह से साफ किया गया है ताकि यह स्वागत करने योग्य लगे। यह आपके नए घर में सकारात्मकता और पॉजिटिव एनर्जी को आमंत्रित करेगा।
- घर के लिए पहली चीज जो आपको खरीदनी चाहिए, वह है झाड़ू, ताकि समारोह से पहले सारी गन्दगी से छुटकारा मिल सके और नई शुरुआत हो सके। पूजा शुरू करने से पहले अपने घर के हर कोने में पोछा लगाएं। जगह को साफ़ और शुद्ध करने के लिए फर्श को नमक के पानी से पोछें।
- आप इसे नमक, नींबू के रस और सफेद सिरके के मिश्रण से भी धो सकते हैं। हवन (जड़ी बूटियों और लकड़ी को आग में डाल दिया जाता है) स्थान को शुद्ध करने और आसपास के वातावरण को साफ़ करने के लिए जाना जाता है।
घर को शुद्ध करें
पूरे घर में गंगाजल छिड़कें. अपने घर के अनुपयोगी कोने में एक अलग कलश में गंगाजल रखें, इसके ऊपर कच्चे आम के पत्ते रखें. हर जगह गंगाजल छिड़कने के लिए इन पत्तियों का उपयोग करें. माना जाता है कि गंगाजल में एक शुद्ध ऊर्जा होती है जो घर से नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती है.
गृह प्रवेश में फूलों की सजावट
- मेन डोर और पूजा एरिया के अलावा गृह प्रवेश पूजा के लिए पूरे घर को सजाएं. ताजे फूल घर को बेहद खुशनुमा बनाते हैं.
- टेबल के लिए ऊपरी हैंगिंग, मेहराब, कोनों और सेंटरपीस के लिए ताजे फूलों का इस्तेमाल करें.
- कमल और रंगीन धागों के साथ, गेंदा, ट्यूब गुलाब और शेवंती आदि का उपयोग करके पारंपरिक-थीम वाले तार और माला की सजावट की जा सकती है.
- फ्लोरल बॉल्स और फूलों से बने हैंगिंग का इस्तेमाल घर की अलग-अलग जगहों को हाईलाइट करने के लिए किया जा सकता है.
- अगर आपको पश्चिमी शैली पसंद है, तो मोती के हैंगिंग या रंगीन ड्रेप्स के साथ लिलियम, ऑर्किड, गुलाब और कार्नेशन्स आदि जैसे फूलों का चुनाव करें.
नारियल फोड़ना
घर में पैर रखने से पहले घर के प्रवेश द्वार पर एक नारियल फोड़ें। ऐसा माना जाता है कि नारियल फोड़ने की रस्म से घर शुद्ध होता है और जीवन में किसी भी बाधा को खत्म किया जा सकता है।
नए घर में दाहिने पैर से प्रवेश करें
गृह प्रवेश के शुभ दिन को पति और पत्नी को मंगल कलश लेकर एक साथ घर में प्रवेश करना चाहिए। गृह प्रवेश समारोह के दौरान अपने नए घर में प्रवेश करते समय दाहिने पैर को आगे रखें। शास्त्रों के अनुसार, पहले पुरुष को अपना दाहिना पैर रखना चाहिए जबकि महिला को पहले अपना बायां पैर रखना चाहिए। उन्हें भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करते हुए कलश को ईशान कोण या मंदिर में स्थापित करना चाहिए।
गृह प्रवेश पूजा के लिए एक मंडल बनाएं
गृह प्रवेश पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले मंडला चित्र बनाना चाहिए, जो आध्यात्मिक प्रतीकों का एक ज्यामितीय विन्यास (जियोमेट्रिक कॉन्फिगरेशन) है। यह देवताओं और ग्रहों का आह्वान करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मूर्तियों को घर की पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
गृहप्रवेश पूजा के लिए घर को रोशन करें
- सुनिश्चित करें कि गृह प्रवेश के दिन पूरा घर और विशेष रूप से मुख्य द्वार अच्छी तरह से प्रकाशित हो।
- घर के किसी भी क्षेत्र में अंधेरा नहीं होना चाहिए।
- घर को रोशन करने के लिए लैंप, एलईडी लाइट या फेयरी लाइट का विकल्प चुनें।
- ऐसा माना जाता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूध उबालें
नए बर्तन में दूध उबालना गृह प्रवेश अनुष्ठान का अभिन्न हिस्सा है। मान्यता के अनुसार, गृह प्रवेश समारोह के दौरान दूध उबालने की रस्म घर में समृद्धि सुनिश्चित करती है। घर की महिला को किचन में दूध उबालना चाहिए। आमतौर पर खीर का प्रसाद बनाने के लिए चावल और चीनी मिलाई जाती है और इसे देवताओं को चढ़ाया जाता है।
गृह प्रवेश के दिन मेहमानों के लिए भोजन की योजना बनाएं
- गृहप्रवेश के दिन अपने मेहमानों को परोसे जाने वाले भोजन के मेनू की पहले से योजना बना लें।
- क्यूंकि पूजा एक शुभ दिन पर की जाती है, इसलिए शाकाहारी भोजन की व्यवस्था करना बेहतर होता है।
- भोजन पहले पुजारी को और फिर मेहमानों को अर्पित करें। प्रसाद, जैसे हलवा या खीर, गृह प्रवेश के दिन बनाया जाता है।
प्रवेश की पूजा में पंडित जी और घर के सदस्यों के लिए किस तरह के पकवान बनाने चाहिए
गृह प्रवेश के बाद हमेशा घर की महिलाओं द्वारा घर के नए रसोई घर में नए चूल्हे पर एक नया बर्तन रखकर उसे पर दूध उबलते हैं, फिर उसी दूध से खीर बनाना चाहिए। फिर इस खीर को पूजा में अनुष्ठान के दौरान चढ़ाऐ और फिर यह प्रसाद पंडित जी को और घर के सभी सदस्यों में वितरित करें। गृह प्रवेश में खीर का प्रसाद ही पूजा में शुभ माना जाता है। इसके बाद आप अपनी रसोई घर में इच्छा अनुसार घर के सदस्यों की पसंद के अनुसार सभी प्रकार के पकवान बना सकते हैं और पंडित जी को और घर के सदस्यों को खिलाएं।
मेहमानों के बैठने की उचित व्यवस्था करें
गृह प्रवेश समारोह में आमतौर पर लोगों को पूजा के लिए फर्श पर बैठने की आवश्यकता होती है। फर्श पर दरी या गद्दे रखें या उन मेहमानों के लिए कुर्सियों की व्यवस्था करें जो फर्श पर बैठने में असमर्थ हैं।
घर में प्रवेश करते समय ध्यान देने वाली बातें
- आमतौर पर घर का मालिक और मालकिन सबसे पहले नए घर में प्रवेश करते हैं। उन्हें पांच शुभ वस्तुएं – नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल और दूध ले जानी चाहिए।
- गृह प्रवेश के लिए घर में घुसते समय हमेशा अपना दाहिना पैर पहले रखें।
- गृह प्रवेश पूजा के लिए उपयुक्त कपड़े पहनें। शुभ रंग वाले कपड़े पहनें और काले रंग से बचें।
- अगर हो सके तो केवल अपने प्रियजनों के साथ ही घर में गृह प्रवेश की पार्टी करें, क्योंकि बहुत से लोगों को बुलाने से नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है, जो निवासियों की भलाई में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
- गृह प्रवेश पूजा में शामिल होने वाले हरेक व्यक्ति को कोई गिफ्ट अवश्य देना चाहिए; कोई भी व्यक्ति खाली हाथ घर से न लौटे। यह एक छोटे से चांदी के सिक्के, भगवान की मूर्ति, मिठाई के डिब्बे, या ताजे जीवित पौधे, कुछ भी हो सकता है, जो आपके बजट पर निर्भर करता है।
वास्तु पूजा
- गृह प्रवेश पूजा तब तक पूरी नहीं होती जब तक वास्तु पूजा नहीं होती, घर की छत को न ढका जाए और दरवाजों को शटर से सुसज्जित न किया जाए। साथ ही, पुजारियों को भोग लगाना चाहिए।
- अगर आप किराए के घर में जा रहे हैं, तो नए किराए के घर के लिए आदर्श गृह प्रवेश पूजा तिथियों को जरूर देखें और ऊपर बताए गए गृह प्रवेश पूजा विधि का पालन करें।
- शांति और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए नए घर में हवन करना चाहिए। नए घर में नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए गणेश पूजा, वास्तु दोष पूजा और नवग्रह शांति पूजा के साथ हवन होना चाहिए।
----पुजारी के बिना गृह प्रवेश पूजा कैसे करें?----
जैसा कि नए घर के लिए हिंदू अनुष्ठानों में उल्लेखित है, वैदिक शास्त्रों के अनुसार गृह प्रवेश पूजा समारोह व्यापक ढंग से किया जाता है। इसलिए, किसी ऐसे पुजारी से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जिसे रीति रिवाजों के बारे में अच्छी जानकारी है।
हालांकि, ऐसी स्थिति भी हो सकती है जब पुजारी को ढूंढना संभव न हो। आपके नए घर के लिए हिंदू रीति रिवाजों से पूजा स्वयं की जा सकती है।
- सबसे पहले, गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ तिथि का पता लगाने के लिए हिंदू कैलेंडर देखें।
- आपको गृह प्रवेश पूजा सामग्री सूची में शामिल सभी चीजों के बारे में भी पता होना चाहिए। गृह प्रवेश पूजा सूची में दी गई इन वस्तुओं की व्यवस्था करें।
- अपने घर को साफ करें और प्रवेश द्वार को रंगोली और फूलों से सजाएं।
- नए घर में पूजा के लिए हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार, पहले दिन अपने हाथ में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो लेकर नए घर में प्रवेश करें। घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर कोना) में भगवान को स्थापित करें। मूर्ति के सामने दो दीये जलाएं। भगवान को प्रसाद जैसे मिठाई, फूल और फल चढ़ाएं। मूर्ति के पास तांबे के बर्तन में गंगाजल या किसी अन्य नदी के पानी से भरा कलश रखें। कलश को नारियल और चार आम के पत्तों से जरूर ढकें।
- घर के प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों से बनी माला का इस्तेमाल करें ताकि नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म किया जा सके।
- गृह प्रवेश पूजा समारोह के अगले स्टेप में रसोई में चूल्हा जलाएं। एक नए बर्तन में दूध उबालें और उसमें चावल और चीनी डालें। इसे मेहमानों के बीच प्रसाद के रूप में बांटें।
- कपूर का दीया जलाएं और मंगल आरती करें। आप गृह प्रवेश पूजा विधि के हिस्से के रूप में घंटी या शंख बजा सकते हैं।
- अब नारियल फोड़कर मेहमानों को प्रसाद के रूप में दें। आम के पत्तों से कलश का पानी पूरे घर में छिड़कें।
- सुनिश्चित करें कि आप घर में रहें और गृह प्रवेश पूजा के बाद कम से कम तीन दिनों तक बाहर न निकलें।
- शंख बजाना गृह प्रवेश पूजा के उन अनुष्ठानों में से एक है जिसका पालन किया जा सकता है और इसके बारे में माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है।
----गृह प्रवेश पूजा सामग्री: पूजा के लिए आपको इन चीजों की जरूरत पड़ेगी----
नारियल-2 | देसी घी | हवन सामग्री | आम की सूखी लकड़ियां |
सुपारी | शरद – 50 ग्राम | जौ | हल्दी – 50 ग्राम |
लौंग 10 ग्राम | गुड़, मिश्री (चीनी के पत्थर जैसे जमे हुए कण) 50 ग्राम | काले तिल | गंगा जल (एक बोतल) |
हरी इलायची 10 ग्राम | साबुत चावल (500 ग्राम) | बड़ा दीया | चौकी |
पान की पत्तियां (10), तुलसी के पत्ते | पंच मेवा (5 तरह के फल) | तांबे का कलश | आटा |
रोली या कुमकुम (एक पैकेट) | पांच तरह का मीठा | रुई | आम या अशोक के पेड़ की पत्तियां |
मौली – 2 रॉल | पांच तरह के फल | पीला कपड़ा | अगरबत्ती – एक पैकेट |
उपनयन या जनेऊ | फूल और फूलों की माला | लाल कपड़ा | दही |
बिना उबला हुआ दूध 1/4 लीटर | धूप बत्ती | कपूर – एक पैकेट | हवन कुंड |
गृहप्रवेश पूजा से पहले, ऊपर दी गई सामग्रियों की सूची तैयार करें और पूजा के लिए सभी सामग्री तैयार रखें।